बेसकीमती शासकीय जमीन पर अतिक्रमण कर तानी गई पक्की दुकानें
बेसकीमती शासकीय जमीन पर अतिक्रमण कर तानी गई पक्की दुकानें
शिकायतों के बाद भी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा प्रशासन
कल 3 फरवरी को विश्व हिन्दू परिषद एवं बजरंगदल देगा जिलाधीश को ज्ञापन
शिवपुरी ब्यूरो। जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाओ के तहत ग्रामीण क्षेत्र में अवैध रूप से किए गए अतिक्रमण को हटाने का कार्य किया जा रहा हैं वहीं दूसरी ओर प्रशासन की नाक के नीचे झांसी तिराहे पर स्थित ईदगाह के बाहर बेसकीमती शासकीय जमीन अतिक्रमण कर बनाई गई 50 से अधिक दुकानों को हटाने में पसीना छोड़ रहा हैं। समाजसेवी संगठनों ने मय दस्तावेज के जिला व अनुविभागीय अधिकारी को अवैध रूप से अतिक्रमण कर बनाई गई दुकानों को तोडऩे की शिकायतें दर्जनों बार की जा चुकी हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी अतिक्रमण हटाने को तो दूर उस ओर देखने को तैयार नहीं हैं। करोड़ों रूपए की शासकीय जमीन पर किए गए अतिक्रमण हटाने को लेकर विश्व हिन्दू परिषद व बजरंगदल कल 3 मार्च को दोपहर 12 बजे जिलाधीश को ज्ञापन सौंपेंगे।
विश्व हिन्दू परिषद एवं बजरंगदल जिला मंत्री विनोदपुरी गोस्वामी ने जानकारी देते हुए बताया कि झांसी रोड़ पर कालीमाई मंदिर के पास ईदगाह की आड़ में एक वर्ग विशेष के व्यक्तियों द्वारा बेसकीमती शासकीय जमीन पर अतिक्रमण कर स्थाई रूप से पक्की दुकानें बना दी गर्ई हैं। इन दुकानों को नगर पालिका ने भी अवैध घोषित कर दिया हैं। इसके साथ भी जुर्माना भी अधिरोपित किया गया हैं। समाजसेवी संगठनों ने भी अतिक्रमण हटाने के लिए दर्जनों बार जिला प्रशासन को शिकायतें की गई हैं। लेकिन प्रशासन आज दिनांक तक अतिक्रमण हटाने की बात तो दूर उधर देखने तक को तैयार नहीं हैं। जबकि शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि जहां कहीं अवैध रूप से अतिक्रमण कर शासकीय जमीन को कब्जाने का काम किया हैं उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करते हुए शासकीय जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जावे। लेकिन जिले का जिला प्रशासन सरकार की अतिक्रमण हटाओ अभियान को पलीता लगाते हुए अभी तक देखा गया हैं जब-जब अतिक्रमण हटाने की मुहित जिले में चलाई गई हैं तब तब या तो छोटे व्यक्तियों को अपना निशाना बनाया अथवा ग्रामीण क्षेत्रों में थोड़ा बहुत अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही कर पल्ला झाड़ लेता हैं। शहर में जिला प्रशासन की नाक के नीचे माफियाओं द्वारा दर्जनों बीघा जमीनों पर अतिक्रमण कर लिए हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन उक्त जमीन को अतिक्रमण मुक्त कर पाता हैं।

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