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गहोई वैश्य समाज का शपथग्रहण समारोह सम्पन्न

गहोई वैश्य समाज का शपथग्रहण समारोह सम्पन्न 

सेवा, संकल्प, संस्कार, संगठन समाज के प्रमुख अंग हैं : रमाकान्त ब्यास 

भागवतभूषण संत पं. रमाकान्त ब्यास महाराज की पावन उपस्थिति में सम्पन्न हुआ समारोह   






शिवपुरी। शिवपुरी जिले में सामाजिक संगठन के विकास एवं विस्तार के क्रम में गहोई वैश्य समाज एवं गहोई वैश्य सेवा समिति संगठन इकाईयों का नवीन गठन होकर वरिष्ठ सामाजिक बंधुओं एवं भागवतभूषण संत पं. रमाकान्त व्यास जी महाराज की पावन उपस्थिती में भव्य शपथग्रहण समारोह का आयोजन स्थानीय परिणय वाटिका में विभिन्न कार्यक्रमों के साथ सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के प्रारंभ में मंचाशीन महाराजश्री के द्वारा दीप प्रज्वलन का कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तत्पश्चात कार्यक्रम में मंचाशीन मुख्य अतिथि वृजेश कुमार कनकने मुख्य  प्रशासनिक अधिकारी उत्तर पश्चिम रेलवे भारत सरकार, कार्यक्रम के अध्यक्ष चौरासी क्षेत्रीय गहोई वैश्य सभा के अध्यक्ष इंजी शिवशंकर सेठ, मंचाशीन अतिथि सुरेश वंधु्र, रमेशचंद सेठ, भोगीलाल विलैया, रमेश चोधरी नन्ना, दिनेश कुमार गेडा, मोहन कनकने, मनोज चौधरी बव्वा, मोहन वडकुल वामौरकला, श्रीमती ज्योति डेंगरे, मनोज बडेरिया, श्रीमती सुनीता कनकने, एवं रोहित विलैया आदि का नवगठित कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में समाज की नन्ही वालिकाओं द्वारा स्वागत नृत्य व गीत की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में नवनिर्माणाधीन गहोई वाटिका के लिये 11 लाख रूपया भेंट करने पर गहोई वैश्य समाज के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मदन बडकुल के माता पिता को भामाशाह सम्मान प्रदान करते हुये महाराजश्री ने आशीर्वाद दिया। अपने आशीर्वचन समाज केा प्रदान करते हुये भागवतभूषण पं. रमाकांत व्यास जी ने कहा कि सेवा, संकल्प, संस्कार व संगठन समाज के प्रमुख अंग होते हैं। इन्हें साथ लेकर चलने वाले हमेशा विकास के पथ पर आगे बडते जाते हैं। उन्होंने गहोई वैश्य समाज के नवगठित ईकाईयों के पदाधिकारियों केा आशीर्वाद एवं बधाई देते हुये हमेशा समाज हित में अपने कर्तव्य का निर्वहन करते रहने की बात कही। कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मुख्य अतिथि वृजेश कनकने ने अपना सारगर्भित उदवोधन दिया। वहीं मंचाशीन अतिथियों द्वारा भी बारी बारी से अपने विचार समाज हित में रखे। कार्यक्रम का सफल संचालन राजीव निगोती एवं गिरीश नीखरा द्वारा किया गया। कार्यक्रम के दौरान वाहर से आये हुये एवं स्थानीय वरिष्ठजनों का शॉल श्रीफल के साथ सम्मान किया गया। वहीं स्थानीय पत्रकारगणों का भी सम्मान महाराजश्री के सानिध्य में किया गया। कार्यक्रम के दौरान परिणय वाटिका का सभागार महिला एवं पुरूष वर्ग से खचाखच भरा रहा। प्रात: 11 बजे से प्रारंभ हुये समारोह के दौरान आयोजन समिति द्वारा सभी को स्वल्पाहार एवं कार्यक्रम पश्चात सहभोज की समुचित व्यवस्था की गई। 

इन पदाधिकारियों ने ली पद व गोपनीयता की शपथ 

शिवपुरी में 27 मार्च रविवार को स्थानीय परिणय वाटिका में आयोजित समारोह के दौरान गहोई वैश्य समाज के अध्यक्ष के रूप में मदन बडकुल, सचिव गिरीश चौधरी, कोषाध्यक्ष जितेन्द्र गेडा, उपाध्यक्ष सतीश पंसारी, आनंद नीखरा, मनीष पहारिया, संजीव सेठ, प्रवक्ता मुकेश चौधरी, एवं कार्यकारिणी सदस्य के रूप में हेमंत कंथरिया, संजीव निगोती, सुनील वरसैयां, सोनू नीखरा, अजय चौधरी, ओमप्रकाश मिसुरिया, कृष्णकुमार अमर, नीरज वांगर, विजय चऊदा, मनीष लहारिया, विजय नगरिया, राहुल विलैया व संजीव वड़ैरिया ने शपथग्रहण की। वहीं गहोई वैश्य समाज समिति शिवपुरी के अध्यक्ष के रूप में राजेन्द सेठ, सचिव रामनारायण निगोती, कोषाध्यक्ष राजशेखर कंथरिया, उपाध्यक्ष अशोक नीखरा, शैलेन्द्र पहारिया, रामेन्द्र मोर, संयुक्त सचिव सुरेन्द्र बडेरिया एवं कार्यकारिणी सदस्य अनूप विलैया, ओमप्रकार विलैया, नरेन्द्र सेठ, रवि बड़ेरिया, अनिल पंसारी, सुदर्शन बड़ेरिया, केके पहारिया, राकेश गुगोरिया, राहुल नीखरा, आनंद कंथरिया व आनंद विलैया कार्यक्रम में उपस्थित रहकर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। 

महाराजश्री के सानिध्य में देर रात तक चली भजन संध्या 

आयोजित भजन संध्या के संबंध में जानकारी देते हुये गहोई वैश्य समाज के सचिव गिरीश चौधरी ने बताया कि भागवतभूषण पं रमाकान्त ब्यास जी महाराज जहां भागवतभूषण के रूप में जाने जाते हैं वहीं उनके मुखारविंद से सुमधुर भजनों को सुनने के लिये सदैव उनके शिष्य व भक्तगण ललायित रहते हैं। एैसा ही निवेदन जब उनके शिष्यगणों की ओर से किया गया तो महाराजश्री के सुंदर भजनों का आनंद आयोजित भजन संध्या के दौरान श्रवण करने केा मिला। संगीतकलाकारों द्वारा सुमधुर तान छेडते हुये महाराज श्री के सुमधुर भजनों को सुनकर सभागार में उपस्थित श्रेातागण आनंदित हो उठे। संध्याकालीन वेला में शायं 6 बजे से देर रात तक चली भजन संध्या में श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया एवं भजनों का आनंद लिया।

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