क्रांतिवीर तात्या टोपे विश्वविद्यालय की स्थापना शिवपुरी, गुना एवं अशोकनगर अंचल की उच्च शिक्षा के लिए ऐतिहासिक पड़ाव का समय - प्रहलाद भारती
क्रांतिवीर तात्या टोपे विश्वविद्यालय की स्थापना शिवपुरी, गुना एवं अशोकनगर अंचल की उच्च शिक्षा के लिए ऐतिहासिक पड़ाव का समय - प्रहलाद भारती
शिवपुरी ब्यूरो । राज्य शासन द्वारा गुना में स्थापित किए गए नवीन विश्वविद्यालय का नाम "तात्या टोपे विश्वविद्यालय गुना" रखा गया था. पोहरी से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक एवं पूर्व उपाध्यक्ष मप्र पाठयपुस्तक निगम प्रहलाद भारती ने उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से मुलाकात विश्वविद्यालय के नामकरण में 'तात्या टोपे' के नाम के पूर्व प्रीफिक्स के रूप में आदरसूचक शब्द "क्रांतिवीर" जोड़े जाने का अनुरोध किया था. उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा उनकी इस मांग पर सहमति व्यक्त कर शासन द्वारा जारी होने वाले गजट में नामकरण में उनके सुझाव को अमल में लाने का आश्वासन दिया था.
राज्य शासन द्वारा 11 मार्च 2024 को जारी किए गए गजट नोटिफिकेशन में विश्वविद्यालय के नामकरण में 'तात्या टोपे' के नाम के पूर्व प्रीफिक्स 'क्रांतिवीर' जोड़ दिया गया है. अब विश्वविद्यालय का नाम "क्रांतिवीर तात्या टोपे विश्वविद्यालय" होगा. पूर्व विधायक प्रहलाद भारती ने उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार की इस सकारात्मक पहल के लिए उनका आभार व्यक्त किया है.
पूर्व विधायक प्रहलाद भारती ने कहा है कि शिवपुरी, गुना एवं अशोकनगर अंचल के लिए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में यह एक ऐतिहासिक पड़ाव का समय है. 1857 के प्रथम स्वाधीनता महासमर के कीर्तिस्तंभ अमर हुतात्मा तात्या टोपे के नाम पर स्थापित इस विश्वविद्यालय के कार्यक्षेत्र के अंतर्गत अब गुना, अशोकनगर एवं शिवपुरी जिले के सभी सरकारी और प्राइवेट कॉलेज सम्मिलित होंगें. शिवपुरी, गुना और अशोकनगर अंचल के सभी सरकारी एवं प्राइवेट कॉलेजों के विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय संबंधी कार्य की दृष्टि से सुविधा हासिल होगी. शिवपुरी जिले के सभी शासकीय एवं अशासकीय कॉलेजों की संबद्धता भी अब जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर से पृथक होकर क्रांतिवीर तात्या टोपे विश्वविद्यालय गुना में विलय होगी. जुलाई 2024 से प्रारंभ होने जा रहे नवीन शिक्षण सत्र 2024-25 से शिवपुरी, गुना, अशोकनगर अंचल के विद्यार्थियों को डिग्री क्रांतिवीर तात्या टोपे विश्वविद्यालय गुना से प्राप्त होगी. शिवपुरी अंचल के कॉलेज 1964 में जीवाजी विश्वविद्यालय की स्थापना के समय से जीवाजी विश्वविद्यालय से संबद्ध रहे हैं. 1964 से पहले यहां का महाविद्यालय विक्रम यूनिवर्सिटी उज्जैन से संबद्ध हुआ करता था. उच्च शिक्षा के क्षेत्र में यह एक ऐतिहासिक पड़ाव का समय है.

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